सदियों से आयुर्वेद में सदाबहार वृक्ष अर्जुन को औषधि के रुप में ही इस्तेमाल किया गया है। आम तौर पर अर्जून की छाल और रस का औषधि के रुप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। अर्जून नामक बहुगुणी सदाहरित पेड़ की छाल यानि अर्जुन की छाल के फायदे का प्रयोग हृदय संबंधी बीमारियों , क्षय रोग यानि टीबी जैसे बीमारी के अलावा सामान्य कान दर्द, सूजन, बुखार के उपचार के लिए किया जाता है।
आंवला, जिसे भारतीय गूज़बेरी भी कहा जाता है, आयुर्वेद में इसे एक शक्तिशाली औषधि के रूप में जाना जाता है। यह न केवल बालों और त्वचा को पोषण देता है, बल्कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करता है। आंवला में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन, और अन्य एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो इसे पोषण और स्वास्थ्य का अनमोल स्रोत बनाते हैं। आंवला का उपयोग विविध रूपों में किया जा सकता है।
उड़ीसा में इसको तुलसी, बंगाल में तुलसी और जाना, हिंदी में नाजुकु और बरांडा, तेलुगु में तुलसी चेट्टू,इयुलसि और घाघरेरचच्चेटु, संस्कृत में देव दूल्हभा, विष्णु बल्लभा, अमर वल्लभा,देव दुन्दुभी,तुलसी,अपेत राक्षस,सुरसा, मंगरी, बहू मंगरी,सुलघ्नी पोषिनी, रक्षा करनी, त्रिपुरा और गौरी के नाम से जाने जाते है ।