उड़ीसा में इसको तुलसी, बंगाल में तुलसी और जाना, हिंदी में नाजुकु और बरांडा, तेलुगु में तुलसी चेट्टू,इयुलसि और घाघरेरचच्चेटु, संस्कृत में देव दूल्हभा, विष्णु बल्लभा, अमर वल्लभा,देव दुन्दुभी,तुलसी,अपेत राक्षस,सुरसा, मंगरी, बहू मंगरी,सुलघ्नी पोषिनी, रक्षा करनी, त्रिपुरा और गौरी के नाम से जाने जाते है ।